1952 में हुए देश के पहले आम चुनाव की बात है तब प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की लोकप्रियता चरम पर थी ! लोग उन्हें सुनने के लिए घंटों खड़े रहते हैं यहां तक कि खड़े ना हो पाने वाले बुजुर्ग खटिया पर पहुंचे तो गर्भवती महिलाएं भी परिजनों के सहारे उन्हें सुनने पहुंच जाती ! ऐसे ही एक खबर मीडिया में तब खूब सुर्खियों में आई थी ! हुआ यह था कि रेलवे के लिए मशहूर शहर खड़कपुर में नेहरू को सुनने के लिए एक तेलुगु भाषी महिला पहुंच गई जब नेहरू का भाषण चल रहा था उसी समय उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई चारों तरफ घबराहट का माहौल बन गया आनन फानन में आंध्र प्रदेश के कुछ लोगों ने उस को चारों तरफ से घेरा बना लिया पप्रसव की प्रक्रिया जाने वाली कुछ महिलाएं आगे आई और भीड़ में ही बच्चे का सकुशल जन्म को करवाया बाद में जब दाई की भूमिका निभाने वाले इन महिलाओं से पूछा गया कि प्रसव करते समय क्या सोच रही थी तो वह बोली हमारा दिल तो बच्चे का सुरक्षित जन्म करवाने में लगा था लेकिन कान और मन नेहरू जी के भाषण सुनने में लगे थे !
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