वो शायद कोई नजीब हैं बदायूं का ,उत्तर प्रदेश का रहने वाला ,जवाहर लाल विश्वविद्यलय में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आया था ।
एक युवा जो किसी माँ का बेटा,किसी बाप का सुन्हेरा सपना
सुना हैं दो दिन बाद
दिल्ली जो राजधानी हैं देश की
वहाँ से अचानक गायब हो गया ?
वो नजीब ही हैं न
बताओ उसके बाप का नाम ?
वो पाकिस्तानी तो नहीं उसका सम्बन्ध किसी आतंकवादी संगठन से तो नहीं ?
ऐसे ही सवालो का सामना दिल्ली के थाने में नजीब की माँ को करना पड़ा ।
अपने सपनो को असलियत का जामा पहनाने के लिए नजीब दो दिन पहले ही पंहुचा था ।
लेकिन एक अजीब बात थी ,नजीब के पोर्ट फोलियो में की वो पाकिस्तानी नहीं एक हिन्दोस्तानी हैं ?
एक हिदुस्तानी मोदी की राजधानी से गायब हैं ?
सवाल उठ गया हैं आज ,पिछले ३० दिनों से एक गाय अपने बछड़े के लिए रो रही हैं ,सवाल कर रही हैं …..
उसका लाल कहाँ हैं ?
सरकारी पुलिस ने उसे सड़क से उठाया भी नहीं ,बस घसीटा उस बस तक जिस पर उसे थाणे ले कर जाना था ।
बेटे की माँ के घुटने और कमर छिल गयी ……….
चीख निकल गयी दिल के बीमार माँ की …
आस पास बेटा न था ,नहीं तो गैरत से वो भी आत्मघाती बन गया होता ,अपनी माँ का अपमान देख कर …?
फिर सुबह अखवारो की सुर्खिया आती कुछ इस तरह “आतंकवादी नजीब “
लेकिन वो हैं कहाँ ?
क्यों चुप हैं बोलता क्यों नहीं ?
क्या हिन्दू राष्ट्रवाद ने ?
संघ के राष्ट्रवाद ने ?
उसको हमेशा के लिए शांत कर दिया ?
नजीब शिक्षा के लिए आया था हिटलर की गेस्तेपो सेना से सामना हुआ ,उसके बाद वो गायब हो गया ।
आज २९ दिन हो गए उसका पता नहीं लेकिन सवाल करने पर राहुल गांधी और NDTV की तरह उसकी माँ को अमानवीय सरकारी गुंडों ने उसकी बहन के साथ हिरासत में ले लिया ।
नजीब हिन्दोस्तानी हैं ,एक हिन्दोस्तानी गायब हैं ,मोदी बताओ कहाँ हैं वो ?
डिस्क्लेमर :इस आलेख में व्यक्त राय लेखक की निजी राय है। लेख में प्रदर्शित तथ्य और विचार से UPTRIBUNE.com सहमती नहीं रखता और न ही जिम्मेदार है